Most Important Decisions in Life

सोच समझकर लेना ये Decision वरना ज़िंदगी बोलेगी- BMJ

ज़िंदगी में हज़ारों फैसले लेने पड़ते हैं। क्या पहनें, क्या खाएं, क्या जाब करे, किसे Instagram पर follow करें, किसे mute करें… लेकिन Most Important Decisions in Life ऐसे होते हैं जो आपकी पूरी लाइफ का direction बदल देते हैं।

What is a life decision?

  • कहां रहोगे? ( Where You Live,)
  • किसके साथ रहोगे? (Who You’re With)
  • और कर क्या रहे हो ज़िंदगी में? (What You’re Doing)

1. कहाँ रहना है – सिर्फ लोकेशन नहीं, पूरा Lifestyle

“घर वहीं होता है जहां Wi-Fi अपने आप connect हो जाता है… लेकिन क्या बस Wi-Fi से ज़िंदगी चलती है?”

जगह मायने नहीं रखती” — ये लाइन सिर्फ़ तब तक सच है जब तक आप दिल्ली की गर्मी में बिना बिजली के बैठे हों। या मुंबई में 35 हज़ार की किराये में पचास स्क्वायर फीट के रूम में छिपकली के साथ roommate बने हों।

कहाँ रहना है, इसका मतलब सिर्फ address नहीं है — इसका मतलब है कि आप रोज़ क्या झेलोगे, किस बात पर गुस्सा आएगा, और आपकी सुबह की शुरुआत कैसे होगी।

🏙 City vs Village – दिल की सुने या EMI की?

गांव की शांति में जहां पक्षियों की चहचहाहट होती है, वहीं शहर में सुबह की शुरुआत horn और “आपका दूध वाला अभी तक नहीं आया” से होती है।
लेकिन शहर कमाने का ज़रिया देता है – वो corporate slavery जिसमें आप Zoom कॉल पे “good morning” बोलते हुए internally रो रहे होते हैं।

🧠 अकेले रहना या joint family?

कई लोग सोचते हैं – “अकेले रहेंगे, आराम रहेगा।” फिर दो दिन में realize होता है कि बर्तन खुद धोने पड़ते हैं और emotional support free नहीं मिलता।
Joint family में खाने की टेंशन नहीं, लेकिन privacy? वो तो पापा के बगल वाले कमरे में कहीं मर गई।

तो फैसला तुम्हारा – तुम कहां खुश हो सकते हो, वो जगह चुनो। वरना जगह चुन लेगी कि तुम कैसे रहोगे।


2. किसके साथ रहना है – रिश्तों की रॉकेट साइंस

“गलत इंसान के साथ सही जगह भी जेल लगती है, और सही इंसान के साथ गलियों में भी जन्नत मिलती है।”

“गलत इंसान के साथ सही जगह भी जेल लगती है, और सही इंसान के साथ गलियों में भी जन्नत मिलती है।”


रिश्ते – सुनने में प्यारा शब्द है, लेकिन इसके अंदर जो chemistry और confusion है, वो CBSE syllabus से भी ज्यादा complex है।

❤️ प्यार में पड़ना आसान है, निभाना hardest level है।


शुरुआत में वो लड़का बहुत caring लगता है – Good Morning मैसेज भेजता है।
शादी के बाद वही पूछता है – “अचार कहां रखा है?”
वो लड़की जो कभी आपकी शायरी पर हँसती थी, शादी के बाद कहती है – “अब काम की बात करो।”

सही पार्टनर मिल गया, तो लाइफ की tension आधी हो जाती है। लेकिन गलत इंसान के साथ, रोज़ वही सवाल आता है –
“क्या गलती की थी मैंने?”
और कुछ मामलों में तो literally ये सवाल ज़िंदगी से पूछने का भी मौका नहीं मिलता!

अब देखिए न – “दिल्ली के एक केस में पारिवारिक अनबन और रिश्तों की उलझनों ने घर के माहौल को काफी तनावपूर्ण बना दिया।
मेघालय में तो honeymoon ही horror movie बन गया – एक खबर में शादी के बाद रिश्तों की जटिलता इतनी बढ़ गई कि मामला क्राइम तक पहुंच गया।”
महाराष्ट्र के सांगली में शादी के कुछ हफ्तों में ही झगड़े ने एक खतरनाक मोड़ ले लिया।
हिमाचल के पालमपुर से लेकर सोलन और चंबा तक – जहां-जहां प्यार में domestic fight हुआ, वहाँ पति का direct transfer ऊपर हो गया – किसी को लाठी लगी, किसी को चाकू।
और मेरठ में एक विवादित पारिवारिक मामला सामने आया जिसमें घर की बातें कानून तक पहुंच गईं।
मतलब रिश्ता नहीं था, “घर के अंदर ready-made tomb” चल रहा था।

👪 परिवार – blessing या pressure cooker?

“बिटिया, शर्मा जी का लड़का अच्छा है। सरकारी नौकरी है, रंग थोड़ा सांवला है पर दिल का बहुत अच्छा है।”
फिर वही ‘दिल का अच्छा’ लड़का आपके सपनों का रोड रोलर बन जाता है – ना communication skills, ना emotional intelligence, बस PF और Pension की उम्मीद!

💸 हाँ, पैसा ज़रूरी है – EMI, बच्चों की fees, और grocery app की cart भी खाली नहीं रहती।
लेकिन सिर्फ पैसा होने से relationship stable नहीं होता – वो तो mutual respect, patience और understanding से टिकता है।

रिश्ता कोई Google Meet नहीं जो 40 मिनट बाद disconnect हो जाए अगर subscription नहीं लिया।
यहाँ अगर एक गुस्से में हो, तो दूसरा ठंडा रहे – ऐसा balance चाहिए।
दोनों एक-दूसरे की सुनें, समझें – अगर एक बोले और दूसरा बस ‘ठीक है’ कहकर चुप हो जाए – तो रिश्ता partnership नहीं, instruction manual बन जाता है।”

🤝 Future stability का मतलब है –

  • जहाँ बात-बात पर ताने ना उड़ें।
  • जहाँ लड़ाई हो, लेकिन हल भी निकले।
  • जहाँ प्यार हो, लेकिन ego नहीं।
  • और जहाँ तुम दोनों Team हो – ना कि एक Boss और दूसरा Daily Wage Worker।

इसलिए next time जब कोई रिश्ता फाइनल करने चले – सिर्फ ये मत देखो कि सरकारी नौकरी है या BMW है।
ये देखो कि गुस्सा आने पर वो बात करता है या मारता है।
तुम्हारी बात समझता है या सिर्फ अपनी चलाता है।
और सबसे ज़रूरी – क्या वो तुम्हें इंसान समझता है या investment?

इसलिए पार्टनर का चुनाव… Facebook status से नहीं, future stability से करो। वरना शादी के बाद status change से ज़्यादा कुछ नहीं बदलता।


3. क्या कर रहे हो ज़िंदगी में – पैशन बनाम पेशा

“काम ऐसा हो जो Monday को सुबह उठने पर दुख ना दे। या फिर दुख दे… पर महीने की पहली तारीख को salary भी दे।”

काम सिर्फ पैसे कमाने का ज़रिया नहीं होता – ये आपकी identity बन जाता है।
लेकिन हमारे यहां career का मतलब है – इंजीनियरिंग, डॉक्टर या सरकारी नौकरी।
अगर आपने बोला – “मैं content creation में हूं”, तो आंटी का जवाब आता है – “मतलब बेरोज़गार हो?”

💼 नौकरी vs पैशन – पेट भरो या सपना?

कई लोग अच्छी खासी नौकरी छोड़कर YouTube चैनल खोल लेते हैं, फिर views आने में 6 महीने लगते हैं और depression 6 दिन में।
तो क्या पैशन ना follow करें? बिल्कुल करें… लेकिन EMI का इंतज़ाम भी रखें।

👨‍💻 Corporate Life – PowerPoint में पसीना

Corporate दुनिया में आप Excel की गलियों में खो जाते हो। एक Boss होता है जो आपको micromanage करता है, एक HR होती है जो हर Friday को बोलती है – “Let’s have fun guys!”
पर fun तो तभी आता है जब आप खुद choose करें कि आप क्या करना चाहते हो।

तो अगर आपका काम आपको mentally मार रहा है, तो भाई… BMJ वो नौकरी। ज़िंदगी नई तलाशो।


अब सवाल – ये फैसले कब लेने चाहिए?

“सही वक्त कभी नहीं आता, बस सही guts चाहिए होता है।”

कभी-कभी हमें लगता है कि अभी नहीं, बाद में सोचेंगे। लेकिन truth ये है –
“अगर आप खुद अपने फैसले नहीं लोगे, तो कोई और ले लेगा… और फिर आप बस उनकी consequences झेलोगे।”

और अगर कोई फैसला गलत हो गया तो?

“गलती कोई खराब बात नहीं है – असली गलती है उसे दोहराना।”

गलत जगह रहना, गलत इंसान से प्यार करना, गलत नौकरी पकड़ लेना – ये सब होते हैं। लेकिन उसे झेलते जाना ज़िंदगी बर्बाद करना है।

Change करो। मुश्किल होगा, लोग बातें करेंगे, पर at least आप अपनी कहानी खुद लिखोगे।

क्या ज़िंदगी इतनी आसान है?

बिल्कुल नहीं।

हर दिन choices की बारिश होती है –
कभी नौकरी छोड़ने का मन करता है, कभी रिश्ते खत्म करने का।
कभी लगता है गांव लौट जाएं, कभी लगता है विदेश भाग जाएं।

लेकिन यही तो मज़ा है – ज़िंदगी का thrill!

तो क्या करें?

तीन सवाल खुद से बार-बार पूछो:

  1. मैं कहां रहकर खुद को ज़िंदा महसूस करता हूं?
  2. कौन है जिसकी मौजूदगी में मैं खुद को खोया नहीं, पाया हुआ महसूस करता हूं?
  3. क्या मैं जो कर रहा हूं, उसमें मेरी आत्मा है… या बस टाइमपास?

अगर आप भी जैसे बड़े फैसलों में उलझे हैं, तो सुबह उठते ही 3 पन्नों की “Morning Pages” लिखने की आदत आपको ज़िंदगीभर काम आ सकती है। कोई नियम नहीं—जो मन में आए लिखिए: डर, सपने, गुस्सा, उलझन या बस “मुझे नहीं पता क्या लिखना है” भी चलेगा। इस राइटिंग रिचुअल का मक़सद है आपके अंदर की आवाज़ से कनेक्ट करना। जब आप अपने विचारों को कागज़ पर उतारते हैं, तो आपका दिमाग़ दोनों तरीकों से सोचता है—तर्क से भी और कल्पना से भी। इससे आप अपने डर साफ़-साफ़ देख पाते हैं, कन्फ्यूजन सुलझा पाते हैं, और बिना झिझक सही फैसले ले पाते हैं। अगर डर लग रहा है कि कोई पढ़ न ले, तो लिखा हुआ फाड़ दीजिए—मक़सद ये है कि आप खुद को पूरी ईमानदारी से समझें। रोज़ नहीं कर सकते? कोई बात नहीं, जब भी कोई बड़ा फैसला लेना हो या खुद से जुड़ना हो, कलम उठाइए और बस लिखते जाइए। आप चौंक जाएंगे कि आपके अंदर कितनी clarity पहले से ही मौजूद थी।

अगली बार जब कोई life advice दे ना, तो ये तीन सवाल उनके मुंह पर मार देना।
कहां रहूं, किसके साथ रहूं, और कर क्या रहा हूं – यही मेरी ज़िंदगी का GPS है।

और अगर कभी लगे कि GPS गड़बड़ हो गया है… तो रूट बदलो, मंज़िल नहीं।- Thanks for reading ” 3 Most Important Decisions in Life”.


Disclaimer :

इस लेख में बताए गए उदाहरण केवल सोच को प्रेरित करने के लिए हैं।” “यह लेख किसी भी व्यक्ति, स्थान या घटना के खिलाफ नहीं है।”

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