Passport Ranking 2025

Passport Ranking : दुनिया में किसकी उड़ान सबसे लंबी और बिना रुकावट वाली?

किसी के पास महंगी कार होती है, किसी के पास बड़ा घर, लेकिन असली स्टेटस सिंबल है Passport की ताकत। ये छोटा-सा नीला, लाल या हरा बुकलेट सिर्फ़ ट्रैवल डॉक्यूमेंट नहीं, बल्कि आपकी और आपके देश का ग्लोबल स्कोरकार्ड है। दुनिया में पासपोर्ट की ताकत को मापने के लिए अलग-अलग इंडेक्स बनाए जाते हैं, जो यह बताते हैं कि आपके देश के नागरिक कितनी आसानी से कितने देशों में बिना वीज़ा घूम सकते हैं।

भारत का 2025 Passport Ranking रिपोर्ट कार्ड

2025 भारत के लिए पासपोर्ट पावर के मामले में अच्छा साल साबित हुआ। Henley Passport Index में भारत ने 85वें स्थान से छलांग लगाकर 77वां पायदान हासिल किया है, जो पिछले एक दशक का सबसे अच्छा प्रदर्शन है। इस सुधार का मतलब है कि अब भारतीय पासपोर्ट धारक 59 देशों में वीज़ा-फ्री या वीज़ा-ऑन-अराइवल सुविधा का आनंद ले सकते हैं। हालांकि यह आंकड़ा सुनने में अच्छा लगता है, लेकिन जब आप दुनिया के टॉप पासपोर्ट्स से तुलना करेंगे, तो पता चलेगा कि अभी हमें लंबा सफर तय करना है। Passport Index by Arton Capital, जो थोड़ा अलग तरीके से रैंकिंग तय करता है, भारत को 69वें स्थान पर रखता है और यहां भारतीयों के लिए 75 देशों के दरवाजे खुले हैं।

दुनिया का पासपोर्ट किंग – सिंगापुर

Henley Passport Index के 2025 संस्करण में सिंगापुर ने फिर से पहला स्थान हासिल किया है। और यह कोई किस्मत की बात नहीं, बल्कि सालों की मेहनत, मजबूत कूटनीति और बेहतरीन इमेज का नतीजा है। सिंगापुर का पासपोर्ट 193 देशों में वीज़ा-फ्री या वीज़ा-ऑन-अराइवल की सुविधा देता है, जो लगभग पूरे नक्शे पर खुला दरवाजा जैसा है। इसका राज है सिंगापुर की मजबूत अंतरराष्ट्रीय दोस्ती, आर्थिक स्थिरता, और सख्त पासपोर्ट सिक्योरिटी सिस्टम। यहां पासपोर्ट नकली बनने का कोई चांस नहीं, और एडवांस बायोमैट्रिक टेक्नोलॉजी से एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन चेकपॉइंट पार करना भी उतना ही आसान है जितना इंस्टाग्राम पर रील स्क्रॉल करना।

Passport Ranking के पीछे की असली कहानी

पासपोर्ट की ताकत का पहला पैमाना है वीज़ा-फ्री पहुंच। जितने ज्यादा देश आपको बिना वीज़ा बुलाते हैं, आपका पासपोर्ट उतना ही ताकतवर माना जाता है।

1. डिप्लोमैटिक रिलेशन – कौन किसका दोस्त

दुनिया में पासपोर्ट पावर का पहला सीक्रेट है इंटरनेशनल दोस्ती। जैसे मोहल्ले में अगर आपके घर की चाय, समोसा और गपशप मशहूर है, तो पड़ोसी बिना बुलाए भी आ जाते हैं — वैसे ही अगर आपका देश हर जगह दोस्ती निभाता है, तो बाकी देश भी कहते हैं, “आओ जी, बिना वीज़ा के आ जाओ।” जो देश हर जगह लड़ाई-झगड़ा करते हैं, उनका हाल वैसा होता है जैसे मोहल्ले का वो अंकल जिनसे सब रास्ता बदलकर बात करते हैं।

पैसे की ताकत पासपोर्ट की ताकत में सीधा योगदान देती है। अमीर देशों को दूसरे देश बड़े प्यार से कहते हैं, “आओ, खर्चा करो, हमारी इकॉनमी में जान डालो।” यह वैसा ही है जैसे शादी में वही मेहमान सबसे ज्यादा वेलकम होता है जो गिफ्ट में बड़ा पैकेट लाता है। वहीं, जिनकी इकॉनमी कमज़ोर है, उन्हें वीज़ा पाना कभी-कभी उतना मुश्किल लगता है जितना दिल्ली में बिना हॉर्न बजाए ड्राइव करना – थ्योरी में आसान, प्रैक्टिकली नामुमकिन।

3. पॉलिटिकल स्टेबिलिटी – घर में शांति, बाहर में भरोसा

अगर आपके देश में हर महीने सरकार बदल रही हो, संसद में रोज़ कुर्सियां उड़ रही हों और न्यूज़ चैनल पर सिर्फ़ “ब्रेकिंग” ही आ रही हो, तो बाहर वाले सोचते हैं, “इनको बुलाना रिस्क है, कहीं ये यहीं धरना न शुरू कर दें।” लेकिन अगर देश पॉलिटिकली स्टेबल है, लोग चैन से सो रहे हैं और सड़कें शांत हैं, तो वीज़ा-फ्री मौके भी बढ़ जाते हैं। दुनिया भरोसा उसी पर करती है जो अपने घर का हाल ठीक रख सके।

4. ट्रैवल हिस्ट्री – पुराने मेहमानों का रिकॉर्ड

दुनिया में आपके देश के टूरिस्ट का रिकॉर्ड भी पासपोर्ट रैंकिंग में असर डालता है। अगर आपके लोग घूमने गए, फोटो खींची, खरीदारी की और टाइम पर वापस आ गए – तो आपके देश की इमेज चमक उठती है। लेकिन अगर बार-बार न्यूज में सुनने को मिले, “फलाना देश के नागरिक पकड़े गए ओवरस्टे करते हुए” या “गाइड से बहस करके होटल छोड़ दिया” – तो बाकी देश भी बोल देते हैं, “पहले वीज़ा लो, फिर आना।”

5. ग्लोबल ट्रैवल पॉलिसीज – नियम बदलते रहते हैं

दुनिया का सबसे ताकतवर पासपोर्ट भी कभी-कभी बेबस हो जाता है, जैसे कोविड के टाइम। बॉर्डर बंद, फ्लाइट रद्द और एयरपोर्ट पर बस इको सुनाई दे रही है। ग्लोबल ट्रैवल पॉलिसीज हर साल बदलती हैं – कभी नई सिक्योरिटी चेक आ जाता है, कभी एयरलाइंस टिकट के साथ बोनस में दो घंटे की लाइन फ्री में देती हैं। इन बदलावों के साथ पासपोर्ट रैंकिंग भी ऊपर-नीचे होती रहती है।

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मजबूत पासपोर्ट का मतलब सिर्फ़ शान नहीं

एक ताकतवर पासपोर्ट यात्रा को आसान बनाता है। अचानक छुट्टी प्लान करना, अगले दिन उड़ान भरना और बिना लंबी वीज़ा प्रक्रिया के किसी नए देश में पहुंचना एक सपना जैसा लगता है। यह समय और पैसे दोनों बचाता है, क्योंकि वीज़ा फीस और डॉक्यूमेंटेशन में आधा सफर निकल ही जाता है। बिजनेस के लिए यह और भी फायदेमंद है, क्योंकि इंटरनेशनल मीटिंग और नेटवर्किंग आसान हो जाती है। बेहतर हेल्थकेयर, अच्छी यूनिवर्सिटी और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत दूसरे देश में शिफ्ट होने का मौका – ये सब एक मजबूत पासपोर्ट की देन हैं।

आखिरी फैसला इमिग्रेशन का

Passport Ranking में चाहे आपका पासपोर्ट दुनिया में पहले नंबर पर हो या 77वें पर, आखिर में एंट्री का टिकट इमिग्रेशन ऑफिसर के मूड पर भी निर्भर करता है। इसलिए पासपोर्ट पावर का मतलब ये नहीं कि दुनिया के सारे दरवाजे हमेशा खुले हैं। हर यात्रा से पहले सरकारी वेबसाइट पर वीज़ा नियम और ट्रैवल एडवाइजरी देखना जरूरी है

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