Home › Forums › Tandoori Opinions › Petrol Pump Par Pehla Customer Hone Par Nuksan Hoga?
- This topic is empty.
-
AuthorPosts
-
September 12, 2025 at 10:18 am #1209
ABHILASHA SHARMA
KeymasterPetrol Pump Par Pehla Customer Hone Par Nuksan Hoga?
एक दिन अचानक मेरे दिमाग में सवाल आया –
“क्या पेट्रोल पंप सच में उतना ही पेट्रोल देते हैं जितना मीटर पर दिखता है?”ये सवाल यूँ ही नहीं आया था। हर बार जब मैं पंप पर 300 रुपये का पेट्रोल भरवाता, तो कुछ अजीब नोटिस करता।पहले पंप वाला नॉज़ल लगाकर फटाफट 250 रुपये तक भर देता है। फिर आखिरी 50 रुपये पूरे करने के लिए बार-बार नॉज़ल को ऑन-ऑफ करता है।
तभी मेरे मन में सवाल आता –
“इतना बार-बार रोक-रोक कर भी मशीन सही से कैसे गिनती है?”बस फिर क्या था – मैंने गूगल खंगाला, सरकारी वेबसाइट्स देखीं, यूट्यूब वीडियोज़ देखे और पेट्रोल पंप के ऑपरेटर से बात भी की। जो समझ में आया, उसे आसान भाषा में यहाँ शेयर कर रहा हूँ।
पेट्रोल पंप की मशीन कैसे काम करती है?
हर पंप पर लगी मशीन को फ्यूल डिस्पेंसर कहते हैं। इसके अंदर एक फ्लो मीटर लगा होता है जो हर बूंद गिनता है। चाहे पेट्रोल तेज निकले या धीरे-धीरे, मीटर हर बार सही जोड़ लगाता है। बार-बार ऑन-ऑफ करने से भी गिनती रीसेट नहीं होती। मशीन वहीं से आगे जोड़ना शुरू कर देती है। यानी आखिरी के 50 रुपये धीरे-धीरे डालने पर भी मीटर बिल्कुल सही मात्रा दिखाता है।
नॉज़ल अपने आप क्यों बंद हो जाता है?
आपने नोटिस किया होगा कि टैंक भरते ही नॉज़ल टक करके बंद हो जाता है।
असल में नॉज़ल के अंदर वेंटुरी सेंसर होता है। जैसे ही टैंक का लेवल ऊपर पहुँचता है, हवा का फ्लो बदलता है और नॉज़ल अपने आप बंद हो जाता है। इससे ओवरफ्लो और पेट्रोल की बर्बादी बचती है।आखिर पंप वाले आखिरी हिस्से में धीरे क्यों भरते हैं?
इसका बहुत सिंपल कारण है – एक्स्ट्रा पेट्रोल से बचना। अगर वो पूरे स्पीड पर भरते रहें, तो 300 रुपये की जगह 302-303 रुपये का पेट्रोल निकल सकता है।
ये नुकसान पंप को उठाना पड़ता है। इसलिए आखिरी रुपये धीरे-धीरे डाले जाते हैं।
इसमें कोई धोखा नहीं है, मीटर लगातार गिनता रहता है। इसे ऐसे समझिए –
जैसे आप बोतल में पानी भर रहे हों। जब बोतल लगभग पूरी भर जाती है, तो आप फ्लो धीमा कर देते हैं ताकि पानी बाहर न बहे।क्या कभी गड़बड़ी होती है?
हाँ, कभी-कभी मीटर में छेड़छाड़ के केस पकड़े जाते हैं। लेकिन ऐसे केस बहुत कम हैं। लीगल मेट्रोलॉजी डिपार्टमेंट हर पंप का मीटर समय-समय पर चेक करता है। हर पंप पर 5-लीटर टेस्ट कैन होना जरूरी है। आप कभी भी कह सकते हैं – “मुझे 5 लीटर टेस्ट करके दिखाइए।” अगर गड़बड़ी मिलती है तो पंप पर भारी जुर्माना लग सकता है या लाइसेंस तक कैंसल हो सकता है।
आपके लिए आसान टिप्स
1. मीटर 0.00 से देखिए।
2. पेट्रोल भरते समय फोन पर बात करने या ध्यान भटकाने से बचें।
3. रसीद जरूर लें।
4. शक हो तो 5 लीटर टेस्ट कराइए – यह मुफ्त है।
5. शांत रहें, सबूत इकट्ठा करें और फिर शिकायत करें।
पहले ग्राहक का नुकसान – सच या भ्रम?
रिसर्च करते-करते मेरे मन में एक और बड़ा सवाल आया। मान लीजिए पेट्रोल पंप की पाइप पूरी तरह खाली है (शायद पंप बंद था या टंकी अभी-अभी रीफिल हुई है)। अब मैं उस पंप का पहला कस्टमर हूँ और 300 रुपये का पेट्रोल भरवाता हूँ। जब ऑपरेटर नॉज़ल ऑन करता है तो पंप का मीटर तभी से गिनना शुरू कर देता है जब पेट्रोल पंप से गुजरना शुरू होता है, लेकिन तब तक वो पेट्रोल गाड़ी तक नहीं पहुँचा होता है, वो सिर्फ पाइप भर रहा होता है। मान लीजिए मीटर पर 5 रुपये दिखने के बाद ही पेट्रोल मेरी गाड़ी तक पहुँचना शुरू होता है।
फिर ऑपरेटर बाकी 295 रुपये भर देता है, और मीटर 300 पर रुक जाता है। अगर मैं इस पंप पर दोबारा न आऊँ , तो क्या इसका मतलब यह हुआ कि मेरे 5 रुपये का पेट्रोल किसी और ग्राहक की गाड़ी में चला जाएगा?अब मेरा सवाल यह है:
-
क्या इसका मतलब यह हुआ कि मेरे 5 रुपये का पेट्रोल सिर्फ पाइप में रह गया और मेरी गाड़ी तक नहीं पहुँचा?
-
अगर मैं इस पंप पर दोबारा न आऊँ और गाड़ी में भी कहीं और से पेट्रोल न भरवाऊँ तो क्या इस केस में सच में मेरा 5 रुपये का नुकसान हो गया?
-
-
AuthorPosts
- You must be logged in to reply to this topic.