हेल्थ रिपोर्ट देखते हुए व्यक्ति – रिपोर्ट में सब नॉर्मल आने पर प्रतिक्रिया

Doctor ne thik bola, lekin mera bank account bimaar ho gaya !

सुबह-सुबह लैब से रिपोर्ट आई — सब नॉर्मल।
CBC, LFT, KFT, TSH, Vitamin D, B12… सब कुछ एकदम चकाचक।

अब होना तो ये चाहिए था कि मन को सुकून मिलता, चेहरे पर राहत आती, और दिल से निकलता — “चलो, सब ठीक है।”

लेकिन नहीं।

दिल के किसी कोने से एक हल्की-सी आवाज़ आती है —

“इतना पैसा लगा… और कुछ निकला भी नहीं?”


✍️ पेट में गैस, लेकिन शक था कुछ बड़ा

कल रात ज़रा छोले खा लिए थे, ऊपर से कोल्ड कॉफी — पेट थोड़ा भारी लग रहा था।
सुबह उठे, डॉक्टर के पास गए।
डॉक्टर बोले —

“सर, ऐसा लग रहा है गैस या हल्की अपच है।”

लेकिन हमारा भारतीय दिमाग तुरंत गहराई में चला जाता है।

“डॉक्टर साहब, फिर भी एक बार टेस्ट करवा लेते हैं ना? आजकल कुछ कह नहीं सकते…”

डॉक्टर मुस्कराते हुए बोले, “ठीक है, कुछ बेसिक टेस्ट करवा लो।”

टेस्ट के नाम सुनते ही लगता है जैसे कोई मिसाइल लॉन्च हो रही है

CBC, ESR, T3 T4 TSH, Lipid Profile, Kidney Function, Liver Function, Iron Panel, Vitamin B12, Vitamin D3…
कुछ तो नाम ऐसे लगते हैं जैसे Hogwarts में पढ़ाई शुरू हो रही हो।

टेक्नीशियन आया, सुई लगाई — जैसे खून में कोई गहरी साजिश छिपी हो।
फिर शुरू होता है — इंतज़ार


रिपोर्ट का इंतज़ार = जैसे UPSC का रिज़ल्ट

हर 10 मिनट में लैब की वेबसाइट refresh हो रही है।

“अभी तक नहीं आई?”
“Lab वाले सही से कर रहे होंगे ना?”
“ज्यादा देर मतलब कुछ सीरियस तो नहीं?”

घरवाले भी पूछते हैं जैसे कोई इंडिया-पाकिस्तान मैच का स्कोर देख रहे हों —

“क्या आया बेटा? कुछ निकला?”

फिर आती है रिपोर्ट।
और स्क्रीन पर लिखा होता है:

✅ Everything Normal.


और आप वहीं बैठ जाते हैं — चुपचाप, थोड़े निराश

“कुछ नहीं निकला?”
“तो पेट दर्द क्यों हुआ था?”
“बस गैस थी?”
“₹1999 किस बात के दिए?”

हमने टेस्ट इसलिए कराए थे कि कोई बीमारी तो confirm हो — और हम गर्व से कह सकें:

“देखा! मैं सही सोच रहा था!”

लेकिन जब सब नॉर्मल निकला, तो अंदर एक अजीब-सी खामोशी भर जाती है — जैसे कोई सीज़न फिनाले बिना ट्विस्ट के खत्म हो गया हो।


👨‍⚕️ डॉक्टर का भी क्या कसूर?

अगर डॉक्टर ने सिर्फ इतना कहा — “सब ठीक है, आराम करो, पानी पियो” — तो मरीज़ का चेहरा वैसा हो जाता है जैसे insult कर दी गई हो।

“बस इतना ही? दवाई नहीं दोगे?”

डॉक्टर भी चुपचाप मुस्कराते हैं — शायद उन्होंने ऐसा reaction हर रोज देखा हो।

कुछ लोग तो कहते हैं —

“डॉक्टर साब, कोई टेस्ट फिर से करवा लें क्या? शायद कुछ रह गया हो…” 😑


🧠 दिमाग का Default Mode: “कुछ तो गड़बड़ होनी चाहिए”

हमारी सोच ही कुछ ऐसी है —
अगर सब ठीक निकले, तो हम खुद मानने को तैयार नहीं होते।

“टेस्ट गलत हुआ होगा।”
“शायद कुछ छिपा हुआ है।”
“MRI भी करवाते तो अच्छा रहता।”

हमें आदत है थोड़-बहुत medical drama की — ideally lab certified!


📉 Indian Logic 101: Report Normal = पैसा वेस्ट?

कब आपने किसी को ये कहते सुना है:

“रिपोर्ट नॉर्मल आई — बहुत अच्छा लगा।”

हमारे यहां तो अक्सर reactions होते हैं:

  • “थोड़ी deficiency होती तो calcium syrup मिल जाता…”
  • “BP थोड़ा high होता तो 3 महीने की गोली मिलती…”
  • “इतनी फिटनेस भी ठीक नहीं यार! कुछ कमी तो होनी चाहिए थी!”

😂 Health check-up से जुड़े कुछ Legendary Dialogues:

  • “इतना खून निकल गया… कुछ तो कमी होनी चाहिए थी!”
  • “पिछली बार भी सब ठीक था… फिर भी 2 महीने बाद सर्दी हुई थी।”
  • “Neighbor की रिपोर्ट में तो sugar निकली थी… मेरी एकदम साफ?”
  • “अबे रोज़ gym जाते हैं… कुछ तो nutritional कमी हो!”
  • और सबसे महाकाव्य:
    “₹1999 लग गए, कुछ तो निकलता!”

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📢 अब ज़रा रुक के सोचो…

ये सिर्फ ह्यूमर नहीं है — ये एक सोच का आईना है
हमारे लिए हेल्थ की रिपोर्ट “नॉर्मल” आना relief कम और disappointment ज़्यादा बन जाता है।

क्योंकि हमने हेल्थ को prevention की जगह हमेशा reaction की तरह देखा है।
मतलब तब तक टेस्ट कराते हैं जब तक कोई problem दिखे नहीं — और अगर नहीं दिखी, तो लगता है पैसे गए पानी में।

और अगर Vitamin D थोड़ा low निकल आए…

तो खुशी ऐसे मनाते हैं जैसे WhatsApp पर old school दोस्त मिल गया हो:

“Finally! कुछ निकला!”
“अब लगेगा कुछ इलाज होगा।”

अब आपकी बारी है — क्या आपके साथ भी ऐसा हुआ है?

👇 नीचे कॉमेंट करके बताओ:

  • आखिरी बार कब आपने टेस्ट करवाया?
  • कुछ निकला या फिर peace of mind मिला?
  • आपकी सबसे “funny” रिपोर्ट कौन सी थी?

और हां, याद रखो:

यह लेख सिर्फ सामाजिक व्यवहार और health awareness की चर्चा करता है। किसी भी मेडिकल निर्णय के लिए अपने डॉक्टर की सलाह लेना हमेशा ज़रूरी है।

पैसा नहीं गया बर्बाद — Peace of Mind खुद में एक बहुत बड़ी कमाई है।
और अगर रिपोर्ट नॉर्मल आई है — तो खुश रहो, celebrate करो।

क्योंकि असली Jackpot वही है।

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